Chintaman Ganesh,Ujjain
चिंतामन गणेश या चिंतामणि गणेश जी का मंदिर, उज्जैन के अति प्राचीन तथा पवित्र मंदिरों में से एक है | यह मंदिर उज्जैन स्थित गणेशजी के मंदिरों में सबसे बड़ा मंदिर है | गणेशजी को दुखहर्ता माना जाता है, अत: श्रद्धालु यहाँ किसी भी कार्य के आरम्भ के पहले पूजा-अर्चना करने आते है तथा भगवान् गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करते है, ताकि कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा ना हो | यहाँ मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर, फतेहाबाद रेलवे लाइन के समीप स्थित है | इस मंदिर में स्थापित गणेशजी की प्रतिमा के बारे में विश्वास है की यह स्वयंभू ( अवतरित ) है | यह मंदिर उज्जैन रेलवे स्टेशन से ५ किलोमीटर की दुरी पर स्थित है और यहाँ निजी तथा सार्वजनिक यातायात साधनों का उपयोग कर पंहुचा जा सकता है |
About Ganesh
भगवान् गणेश अपने विस्मयकारी रूप के लिए प्रस्सिध है | हिन्दू धर्म में विश्वास है की किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान् गणेश की पूजा-अर्चना करने से कार्य सफल होता है तथा शुभ फल की प्राप्ति होती है, अतः किसी भी शुभ कार्य जैसे गृहप्रवेश, विवाह आदि से पहले गणेश जी की पूजा की परंपरा है | गणेशजी, गणपति, विग्नेश्वर, विनायक, गजानन , गजधिपति, लम्बकर्ण , लम्बोदर एकदंत, गजावदन, शूर्प-कर्ण तथा चतुर्भुज आदि नामो से प्रचलित है, तथा वे मूषक ( चूहा ) की सवारी करते है |
Mahakaal
Ganesh Aarti

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।

पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥

अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ।

दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी । कामना को पूरी करो जग बलिहारी ।

सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

Jyotishagya Pt. Vijay Bharti
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Expert in Krishna Murti Paddhati & Traditional Astrology