मंगल दोष निवारण कैसे करें?
"मांगलिक" (Manglik) स्थति विवाह के लिए अत्यंत विनाशकारी मानी गयी है | संबंधो में तनाव, कार्य में असुविधा तथा नुक्सान और व्यक्ति की असामायिक मृत्यु का कारण मंगल को माना गया है | मंगल पूजा के द्वारा मंगल ग्रह को प्रसन्न किया जाता है,तथा उसके विनाशकारी प्रभावों को नियंत्रित किया जाता है, तथा सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाया जाता है |
यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो मांगलिक व्यक्तियों के विवाह के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए:
- कुंडली मिलान: मांगलिक व्यक्तियों के लिए कुंडली मिलान महत्वपूर्ण होता है। कुंडली मिलान से यह देखा जाता है कि क्या दोनों की कुंडलियों में मांगलिक दोष का प्रभाव है और कैसे इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। मांगलिक व्यक्तियों को अपनी कुंडली के अनुसार उपाय करने की सलाह ली जाती है। इसमें मंगल ग्रह की शांति के लिए पूजा, मंत्र जाप, और धार्मिक क्रिया शामिल होते हैं।
- मंगल दोष निवारण पूजा: मांगलिक व्यक्तियों को विवाह के पहले मांगलिक दोष निवारण पूजा करवाने की सलाह दी जाती है। इस पूजा के दौरान मंत्र जाप और हवन किया जाता है ताकि दोष कम हो सके। मुख्यतः मंगल दोष पूजा उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में की जाती है।
Mangalnath Mandir (मंगलनाथ मंदिर), उज्जैन के शोर-शराबे से दूर, क्षिप्रा नदी के विस्तार तट पर स्थित है, जो पर्यटकों और भक्तों को एक अविस्मर्णीय भावना प्रदान करता है। यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां कभी पृथ्वी का मध्यान कहा गया था। इसलिए यह स्थान ग्रहों की स्थिति के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध और उपयुक्त माना जाता है। मंगलनाथ मंदिर, मध्य प्रदेश की दिव्य नगरी उज्जैन में स्थित है। मत्स्य पुराण के अनुसार मंगलनाथ परिसर को मंगल का जन्म स्थान माना गया है। प्रभु मंगल के इष्टदेव भगवान शिव हैं। यह परिसर अपने दैवीय गुणों के कारण अत्यंत प्रसिद्ध है।
मुख्यत: मंगल पूजा और अनुष्ठान का उद्देश्य बाधाओं को हटाना है, जो मंगल दोष की शांति करके प्राप्त किया जाता है। विशिष्ट पूजा के द्वारा हम हानिकर बल से छुटकारा, सुख, शांति और समृद्धि पा सकते हैं। नए उद्यम शुरू करने में सकारात्मक कंपन पैदा करने के लिए, घर, नौकरी, व्यवसाय में बाधाएं दूर करने के लिए, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए, नेतृत्व कौशल बढ़ाने के लिए हम साधना करके लाभ बढ़ा सकते हैं। सामान्य तरीकों में ध्यान, मंत्र जप, शांति, प्रार्थना शामिल हैं। उपवास या भगवान का नाम जप, धर्मदान। ये सभी कार्य मनोरथ से किया जा सकता है। मंगल पूजा, मंगल ग्रह के लिए समर्पित है। मंगल शांति पूजा ऋण, गरीबी और त्वचा की समस्याओं से राहत के लिए लाभकारी है। इन कार्यों के परिणाम के लिए सक्षम हो हमें और अधिक गहरा आध्यात्मिक पूजा द्वारा लागू ऊर्जा आत्मसात करने के लिए मंगल पूजा करने की ज़रूरत है।
Mainly, the purpose of Mangal Dosh Nivaran Puja and ritual is to remove obstacles that are achieved by pacifying the Mangal Dosha. Through specific rituals, we can attain relief from malefic influences, gain happiness, peace, and prosperity. It can be beneficial for starting new ventures and eliminating obstacles.
मंगल दोष के उपाय (Mangal Dosh Remedies)
- यदि आपको मंगल दोष है, तो उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Mandir) पर भात पूजा कराएं और अविवाहित हैं तो कुंभ विवाह करें।
- मंगल स्तोत्र का पाठ भगवान मंगल देव की प्रसन्नता और मंगल दोष से निवारण और ऋण से मुक्ति के लिए किया जाता है।
- कलयुग में ग्रह संबंधी दोषों की निवृत्ति के लिए ग्रहों के जप का बहुत महत्व है जिसके अनुसार ग्रहों के पौराणिक और वैदिक जप किए जाते हैं।मंगल ग्रह के जप विधान में 10000 जप संख्या निश्चित है,कलयुग में ग्रहों के जब चोगुने किए जाते हैं अतः यह संख्या 40000 होती है। इस जप संख्या के फल स्वरुप जातक के मंगल दोष का निवारण होता है और जीवन में आ रहे कष्ट और बाधाए दूर होती है और समस्त सुखों की प्राप्ति होती है,मंगलदोष निवारण का यह अचूक उपाय माना जाता है।
मंगल दोष शांति मंत्र
- ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम ।।
- ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।
- ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि, तन्नो भौमः प्रचोदयात् ।।