Kaalbhairav,Ujjain
हिन्दू धर्मग्रंथो में त्रिदेवों ( ब्रम्हा, विष्णु, महेश ) का विशेष स्थान है | इन्हें महादेव की उपाधि दी गई है अर्थात देवों के देव | ब्रम्हा को ब्रह्माण्ड का निर्माणकर्ता, विष्णु को पालनहार, महेश को विध्नकर्ता माना गया है | भागवान शिव विध्वंसक शक्तिओ तथा अपने क्रोधी स्वाभाव के लिए जाने जाते है | हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध धर्म में भी इनकी आराधना की जाती है तथा वे नेपाल के राष्ट्रीय देव है | भगवान् शिव के कई रूपों में से एक कालभैरव है |
Kaalbhairav
भगवान् शिव का चित्रण अति क्रोधी देवता के रूप में किया गया है | उनके त्रिनेत्र है, जो लाल तथा डरावनी है, वे दांत तथा बाल चमक लिए हुए है | उनको पुर्ननग्न दर्शाया गया है | उनका व्यक्तित्व आकर्षक तथा स्वाभाव तेज है | वे गले में शेषनाग का धारण करते है तथा उनके हाथो में खोपड़ी की माला, डमरु तथा त्रिशूल है | भारत वर्ष में काल भैरव के काफी सारे मंदिर है, इनमे से उज्जैन स्थित काल भैरव मंदिर का विशेष महत्व है | उज्जैन स्थित काल भैरव मंदिर अपनी शिल्पकला तथा मनोकामनापूरक स्थान के रूप में प्रस्सिध है | यहाँ मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है | मदिरा चढ़ाना काल भैरव की उपासना की विशेष पद्धतियो में से एक है, अत: प्रतिदिन श्रद्धालु भरी मात्रा में मदिरा का भोग लगवाने काल भैरव मंदिर आते है | काल भैरव को भगवान् शिव का प्रतिबिम्ब माना गया है, अत: प्रतिदिन भगवान् काल भैरव की उपासना करने से कार्य सफल होते है तथा शत्रुओ का विनाश होता है |
Mahakaal

"om tryambhakam yajamahe, sugandhim pushtivardhanam, urvarukamiva bandhanan, mrityor mukshiya maamritat."


Jyotishagya Pt. Vijay Bharti
+91-9424845308,
0734-2581222

Expert in Krishna Murti Paddhati & Traditional Astrology